5 Easy Facts About Shodashi Described
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Tripura Sundari's sort is not simply a visual representation but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees through symbols to understand further cosmic truths.
The worship of such deities follows a selected sequence often called Kaadi, Hadi, and Saadi, with each goddess connected with a particular method of devotion and spiritual exercise.
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
The Chandi Path, an integral Component of worship and spiritual apply, Particularly for the duration of Navaratri, is not really merely a text but a journey in by itself. Its recitation is a robust Resource in the seeker's arsenal, aiding inside the navigation from ignorance to enlightenment.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि
She will be the possessor of all wonderful and amazing things, which include Bodily goods, for she teaches us to have devoid of remaining possessed. It is claimed that stunning jewels lie at her ft which fell through the crowns of Brahma and Vishnu every time they bow in reverence to her.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
click here कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि